
अगर कोई व्यक्ति आपसे ज्यादा बात नहीं करता या हर छोटी-बड़ी बात को हंसी में नहीं उड़ा रहा है, तो इसका ये अर्थ नहीं है कि वो व्यक्ति किसी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का शिकार है। दरअसल, ऐसे लोग अंतर्मुखी होते हैं। बिना किसी को नुकसान पहुंचाए और दिखाकर अपनी बुद्धि और विवेक से किसी निष्कर्ष पर पहुंचने वाले लोग अर्तंमुखी कहलाते हैं। इसमें कोई दोराय नहीं कि हमारी परवरिश किस माहौल में होती है। हमारा व्यवहार भी उसी प्रकार का होने लगता है। कलांमुखी लोग अक्सर गंभीर विचारधारा के होते हैं और समाज में उनकी एक स्वच्छ छवि भी विकसित होती है। इसके बावजूद ये लोग बहुत बड़े दोस्त में फर्जी नहीं रहते हैं। जानिए अंतर्मुखी होने के संकेत (अंतर्मुखी व्यक्ति के लक्षण) और इससे बाहर निकलें (अंतर्मुखी होने से कैसे रोकें) के उपाय भी।
इंटरवर्ट किसे कहते हैं
इसके बारे में राजकीय मेडिकल कालेज हलद्वानी में मनोवैज्ञानिक डॉ अर्जुन पंत का कहना है कि इंटरवर्ट एक ऐसा पर्सनैलिट ट्रेट हैं, जिसमें व्यक्ति अपनी भावनाओं को फ्रैंक व्यक्त करने में असमर्थता का अनुभव करता है। ऐसे लोग दूसरे से मिलने की बजाय अपनी भावनाएं और विचार में रहते हैं। जहां बर्हिमुक यानी एक्स्ट्रोवर्ट लोग दूसरों से मिलजुलकर खुद को एनर्जाइज फील करते हैं, वहीं आर्टं मुखी सोशल सर्कल में फोकस करने के बाद खुद को रिलैक्स और रीचार्ज करने के लिए कुछ देर अकेले में वक्त गुजारना पसंद करते हैं।
शांत मस्तिष्क के होते हैं अंतर्मुखी लोग
हार्वर्ड अध्ययन के अनुसार जो लोग अर्तंमुखी होते हैं, उनकी मां में ज्यादा रिलैक्स रहता है। वो चीजों पर बेहतर तरीके से फॉक्स करने में सक्षम होते हैं। शोध के अनुसार जब आपका मस्तिष्क एक्टिविटी होती है, तो इससे ब्लड फ्लो बढ़ता है। इसके अलावा ऐसे लोग ज्यादा टैलेंट होते हैं।
ये संकेत बताते हैं कि आप एक इंटरवर्ट पर्सन हैं
फ्रेंड सर्कल में कम लोगों का होना
ज्यादा बातचीत करने से बचें
सामाजिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेना
अपने विचार में रहना
एकांत पसंद करना
अगर आप अपनी इस साझेदारी से अधिकार चाहते हैं, तो ये टिप्स आपके लिए सहयोग कर सकते हैं
1. कैलेडर में सामाजिक गतिविधियों को शामिल करें
अकेले वक्त बिताने की जगह सोशल गैदरिंग और पार्टीज़ में जाकर और लोगों से संपर्क साधें। लोगों को जानें और आउटिंग प्लान करें। इससे आपके अंदर की हिचकिचाहट आप दूर होने लगेंगे। हांलाकि अकेले आप कई चीजों पर बेहतर तरीके से विचार कर सकते हैं। मगर लोगों के साथ खड़े हंसना, देर तक बातें करना और नाइट आउट प्लानिंग भी जिंदगी में बहुत जरूरी है। इससे हम लोगों के करीब आते हैं और जीवन में कई नई चीजों का रोमांच होता है।
2. मित्र मंडली
ज्यादा से ज्यादा लोगों से बात करें। अकेले काम करने की जगह अन्य लोगों को एप्रोच करें और बातचीत के लिए समय बदल सकते हैं। दूसरे व्यक्ति के बीच में आने से पहचान करने वाला आपसे संपर्क करता है। जैसी पर बात करने से दूसरों को हंसाने का प्रयास करें। दोस्ती में विश्वास बनाए रखें। इससे आपका फ्रैंड सर्कल खुद ब खुद बढ़ने लगता है। चाहे कॉलेज के दोस्त हों या क्लीगस से संपर्क बनाए रखें।

3. जीवन के प्रति स्वतंत्र अपरोच रखें
हर काम के लिए दूसरे पर निर्भर रहने से हमारे अंदर ऐसी जन्म लेने लगती है, जिससे हम खुद को लाचारी महसूस करने लगते हैं। ये भी अर्तंभुज होने का एक कारण बनता है। इस समस्या से बाहर निकलने के लिए दूसरों पर घबराहट को छोड़ दें और आत्म समाधान हो सकता है। इससे आप दूसरों से बेहतर तरीके से डील करेंगे।
4. एक्स्ट्रोवर्ट लोगों से मेलाजॉल
ऐसे लोगों से टीमअप करें, जो एक्स्ट्रोवर्ट होन और हर डिबेट व फ्रीज को लीड करने की क्षमता रखते हैं। संचारी व्यवहार हमारे जीवन में महत्वपूर्ण हैं। अर्तंमुखी लोगों को ऐसे हस्तक्षेप के लिए खुद को दिखाने की आवश्यकता है। इससे इन लोगों के मनोबल में वृद्धि होती है और ये आपकी गतिविधियों को भी महसूस करने लगते हैं।
ये भी पढ़ें- मनोवैज्ञानिक तनाव आपकी उत्पादकता और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, जानिए इसे कैसे कम करना है
यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ़ एशिया पर खबरों का विश्लेषण लगातार जारी है..
आपके पास किसी खबर पर जानकारी या शिकायत है ?
संपर्क करें unanewsofficial@gmail.com | 8839439946, 9244604787
व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9244604787
निष्पक्ष और जनसरोकार की पत्रकारिता को समर्पित
आपका अपना नेशनल न्यूज चैनल UNA News
Now Available on :