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पीड़ित परिवार पर 51 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया
पंच-पटेलों ने फील्ड्स और निराश पर भी कब्जा कर लिया
तीन दिन बाद पुलिस पहुंचकर हैंडपंप से भरवाया पीड़ित परिवार को पानी
दीपक पुरी।
भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर जिले में पंच पटेलों का एक अनोखा तुगलकी फरमान सामने आया है। यहां एक समाज के पंच पटेलों ने एक परिवार का हुक्का पानी सिर्फ इसलिए बंद कर दिया क्योंकि इस परिवार ने अपनी विधवा बेटी का पुनर्विवाह (विधवा बेटी का पुनर्विवाह) कर दिया था। इसलिए ही नहीं पंचायत ने पीड़ित के खेत और सफलता भी अपने व्यवसाय में ले लिए। उनके घर से निकलने का रास्ता और पानी भी बंद कर दिया। अब पूरे परिवार को 3 दिन से भूखा प्यासा सरकार से मदद की स्थिति पर भरोसा है।
जानकारी के अनुसार मामला भरतपुर जिले के नगला बिलौथी गांव का है। वहां एक परिवार ने अपनी विधवा बेटी का पुनर्विवाह कर दिया था। यह बात पंचों को नागवार गुजरी। उन्होंने पंचायत बुलाकर तुगल की फरमान जारी करते हुए उस परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया। इसके साथ ही 51 हजार रुपए का जुर्माना भी ठोक दिया। नगला बिलौटी निवासी विजयपाल गुर्जर और उनकी 20 वर्षीय विधवा बेटी पर उनकी देवर से विवाह करने का पंचायत द्वारा दबाव बनाया गया था।
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बेटी को दस लाख में बेचने का लगाया आरोप
विजयपाल और उसके परिवार के मुताबिक उसके नशे में होने के कारण उसकी बेटी उससे शादी नहीं करना चाहती थी। दूसरे युवक से कोर्ट मैरिज करवा दी गई थी। यह बात समाज के पंच पटेलों को चुभ गई। इस पर उन्होंने रविवार को पंचायत बुलाई। इतना सब कुछ करने के बाद पंच पटेलों ने विजयपाल गुर्जर पर 10 लाख रुपये में बेटी बेचने का आरोप भी जड़ दिया। बाद में गांव में छुट्टी की फरमान सुना दिया गया।
देवर से शादी नहीं करने के कारण प्रताड़ित हो रहा है
पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी विधवा बेटी की शादी देवर से इसलिए नहीं की जा रही है। पीड़ित परिवार ने पंचायत की इस तुगलकी कार्रवाई की सूचना पुलिस को दी। लेकिन दाग के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। तीन दिन बाद भी कोई मदद करने नहीं आया। मामला ने जब तूल पकड़ा तो बुधवार को चिकसाना थाना पुलिस वन्यजीवों पर बहती है। पीड़ित परिवार को पास में ही स्थित एक हैंडपंप से पानी भरवाया और पंच पटेल के कंजेशन के लिए।
परिवार में आठ लोग हैं
पंच पटेलों ने पीड़ित परिवार से व्यवहार पर भी जुर्माने की घोषणा की है। पीड़ित परिवार के मुताबिक घर में दो छोटे बच्चों समेत आठ लोग हैं। इसके साथ ही चार पशु भी हैं। उन्हें भी पीने का पानी नहीं दे सकते। ऐसे में अधिकारी सहित परिवार के लिए प्रियांका का संकट पैदा हो गया है। हालांकि पंचायत के फरमान के तुरंत बाद ही रविवार की शाम को ही पीड़ित ने 100 नंबर पर पुलिस को घटना की सूचना दे दी थी. बार-बार मदद के लिए इस नंबर पर संपर्क भी किया। लेकिन फोन प्राप्त करने वाले अतिसंवेदनशीलता की क्षति ही दे रहे हैं।
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प्रथम प्रकाशित : 14 दिसंबर, 2022, 15:52 IST













