
समीक्षा: कहानी अगर घिसी-पिटी होती है तो फिल्म में कोई नयापन हो इसकी उम्मीद कम ही होती है। लेखक और निर्देशक फिर भी कोशिश करते हैं कि कुछ ऐसा करें कि दर्शक उन्हें देखें और उत्साहित रहें। लेखक से अधिक निर्देशन की ज़िम्मेदारी होती है कि अच्छे दृश्य, अच्छे प्रदर्शन और अच्छी तरह से संपादन के माध्यम से फिल्म में दर्शकों की रुचि बनाए रखें। ‘दोस हू विश मी डेड’ (अमेजन प्राइम वीडियो) इसी तरह की एक फिल्म है जिसे निर्देशक टायलर शेरिडन ने अपने योगदान से न केवल डूबने से बचा लिया है बल्कि इसके एक्शन और रोमांचकारी दृश्यों में देखने वालों को भरपूर रोमांच का दावा किया है। थोड़ी देर बाद एंजेलिना जोली को देखने का अपना मजा है।
ओवेन (जैक वेबर) एक फॉरेंसिक अकाउंटेंट है जो माफिया और राजनेताओं के काले धन का पता लगाने का काम करता है। जैक (एडन गिलेन) और पैट्रिक (निकोलस हॉल्ट) घायल के हत्यारे हैं जो पहले ओवेन के बॉस को खत्म कर देते हैं और कोई सबूत पुलिस के हाथों न लग जाएं इसलिए ओवेन को भी गिराना चाहते हैं। ओवेन अपने सन कॉनर (फिन लिल) के साथ अपने साले डिप्टी शेरिफ ईथन (जोन बर्नथल) के पास जा रहा है जब जैक और पैट्रिक उसकी कार पर हमला बोल देते हैं। मरने से पहले वो सारे राज अपने बेटे को दे कर उसे जंगल में भगा देता है। कॉनर की मुलाकात होती है जंगल में लगी आग से बचने का काम करने वाला (एंजेलिना जोली) से जो न सिर्फ उसे हत्यारों से बचाती है बल्कि उन हत्यारों को जलाकर जंगल की आग से भी बचाती है। अंत अच्छा तो सब बुरा। कहानी कितनी साधारण है। मायकल कोर्ट्या द्वारा 2014 में इसी नाम के साथ अपने उपन्यास का फ़िल्मी रूपांतरण किया गया, जिसका निर्देशन टायलर शेरिडन और चार्ल्स लेविट के साथ किया गया।
फिल्म की सिनेमेटोग्राफी बेन रिचर्डसन ने की है। जंगल के दृश्य और जंगल की आग के दृश्य प्रभावी हैं। क्लोज अप फोटोज कम रख कर वे फिल्म में भव्यता लाने की कोशिश कर रहे हैं। रात के दृश्यों में लाइट का इस्तेमाल आशातीत प्रभाव डालता है। टीवी सीरीज की दुनिया से फिल्मों में आने वाले पांच चैड गैलस्टर में फिल्म में असली रोमांच दिखाया गया है और देखने वालों को एहसास नहीं होता है लेकिन फिल्म एक सीध में समय के साथ आगे बढ़ती है। ‘दोस हू विश मी डेड’ फिल्माने के बराबर नहीं है इसलिए काफी हद तक इसमें शामिल होने जैसे हिस्सेदार हैं। अभिनय में एंजेलिना का छोटा रोल भी उन्हें फिल्म का केंद्रीय पात्र बना देता है। जंगल की आग जब तीन युवाओं को लील लेती है और एंजेलिना अपनी ड्यूटी करते हुए भी उन्हें नहीं बचाती हैं तो उसका घटना उसके वर्तमान पर एकल प्रभाव डालता है। फिन लिटिल ने गज़ब की एक्टिंग की है। एंजेलिना के साथ उनके सीन बहुत अच्छे हैं।
फिल्म में ओवन की भूमिका के साथ न्याय नहीं किया गया है। पूरी फिल्म में ये पता नहीं चलता कि उसके पास किस के खिलाफ सुबूत हैं। कोई भी गरीब विलेन नहीं है जिसकी लड़ाई हो रही है। कॉनर को अपने पिता के मारे जाने का गम भी नहीं सालता लेकिन फिल्म के फाइनल में जब वो एंजेलिना से पूछती है कि उसका भविष्य क्या है, वो बहुत मार्मिक बन गया है। एंजेलिना कोई कमिटमेंट नहीं चाहती हैं इसलिए उसे अडॉप्ट करने की जेहमत नहीं उठाती और ये असली वास्तविक लगती है। फिल्म देखने लायक है। जंगल में आग लगने और उसके पहले धीरे-धीरे और फिर तेजी से बढ़ने पर बहुत अच्छे चित्र लगाए गए हैं। फिल्म में कोई भी एक सेंट्रल स्टोरी नहीं होने की वजह से हो सकता है कि फिल्म देखने में थोड़ी निराशा हाथ लगे लेकिन एंजेलिना जोली को देख कर सब भूल जाने की हिदायत भी है।
विस्तृत रेटिंग
कहानी | : | |
स्क्रिनप्ल | : | |
डायरेक्शन | : | |
संगीत | : |
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प्रथम प्रकाशित : 25 सितंबर, 2021, 14:53 IST













