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केट रिव्यू: प्रोफेशनल्स असिन का जबरदस्त एक्शन और एक जुड़ा चेहरा – केट

जापान में खुंखार और हिंसक माफिया का इतिहास बहुत पुराना है। सबसे प्रमुख समूह “याकूजा” कहता है कि जो खुद को बड़ा ही संगी और निश्चित करने में सिद्ध रहता है। बॉडी बनाने, गोदने, करने से सजे जेल लगे बाल और हमेशा फिट रहने वाले इस ग्रुप से जापान की पुलिस को हमेशा परेशानी होती है। समय के साथ याक़ूज़ा में भी परिवर्तन आते हैं और उनका ज़्यादातर समय अब ​​होने में लगने लगता है लेकिन ऑरगेनाइज़्ड क्राइम की दुनिया में याक़ूज़ा का ख़तरा दुनिया भर में माना जाता है। कहते हैं कि याक़ूज़ा से दुश्मनी यानी जान से हाथ साझा करें। निर्देशक सेड्रिक निकोलस-ट्रोयान के अमेजॉन प्राइम वीडियो (अमेज़ॅन प्राइम वीडियो) पर जारी फिल्म “केट” में याक़ूज़ा परिवार में वर्चस्व की लड़ाई के बीच आ जाती है एक पेशेवर असिन केट (मैरी एलिजाबेथ विनस्टेड) ​​जो कि अपने गुरु और बॉस वैरिक (वुडी) हैरलसन) की बिछाई बाजी में फंसाया जाता है।

वैरिक की चालों से अभिषेक केट, दीदी मार कर जब आपका बॉस वैरिक को शतरंज के इस खेल का असली खिलाड़ी बना देता है तो उसकी मौत से पहले वो उसे भी खत्म कर देता है। केट, एक एक्शन मूवी है। ज़बरदस्त एक्शन। बहुत दिनों बाद हैंड टू हैंड कॉम्बैट में इस तरह का एक्शन किसी फिल्म में देखने को मिलता है। हिंसक और एक्शन फिल्मों में एक बात बड़ी अच्छी होती है कि देखने के बाद दर्शक खुद को बड़ा तनाव महसूस करते हैं और चैन की नींद सो जाते हैं। इसकी वजह है ऐसी फिल्मों में एक्शन का तूफ़ान, दर्शक खुद महसूस करते हैं। केट की बहुती है इसमें भावनाओं का बहुत ही सुन्दर तरीके से समावेश किया जाना चाहिए। एक पेशेवर असिन होने के बावजूद केट का एकूल है कि वो कभी भी किसी की हत्या करता है, बच्चों के सामने नहीं करता है, भले ही वह सैकड़ों मीटर दूर, छिप कर चला जाता है ही हत्या क्यों न कर हो।

एक असाइनमेंट में वो याक़ूज़ा के एक बड़े अधिकारी को मारने में हिचकिचाती है क्योंकि उस अधिकारी की छोटी बेटी के साथ होती है। तमाम विरोध के बावजूद वैरिक के कहने पर केट उस बच्ची के सामने उसका पिता मार डालता है। इस घटना से रुको वो पेशेवर असैन का काम छोड़ना तय करता है।

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अपने इस अंधेपन वाले जीवन में केटे का निशाना चूक गया क्योंकि किसी ने उसे नशे में ज़हर मिला दिया था। ज़हर की कहानी के इस पेंचयंत्र को सुलझाते सुलझाते हैं और अपने रास्ते में आने वाले हर व्यक्ति को सीधे अक्षर वाले केट, याक़ूज़ा के सबसे बड़े बॉस किजिमा तक पहुँचते हैं। किजिमा से बदला लेने के लिए वो उसकी पोती एनी (मीकू मार्टिनू) का अपहरण करता है और तब उसे पता चलता है कि एनी वही बच्ची है जिसके पिता को केट ने उसके सामने मार दिया था। केट के मन में एनी के प्रति प्यार जाग जाता है और तभी कहानी में ट्विस्ट आ जाता है जब उसे पता चलता है कि एनी के दादा किजिमा का एक साथी रेंज किजिमा के परिवार का खात्मा कर के उसकी जगह लेना चाहता है। किजिमा तब एनी की खातिर केट से हाथ मिला लेती है और फिर अंत में बड़ी ज़बरदस्त लड़ाई के बाद केट किसी न किसी तरह की रेंज को खत्म कर देती है। रेंजी की मदद करने वाले केट के बॉस वैरिक से उसका आखिरी सामना होता है और जो मरने से पहले वैरिक को खत्म कर देता है

एक्शन फिल्म में कहानी का होना आपके लिए लाजवाब है। केट ऐसी ही एक फिल्म है जिसमें गोली बारी, मार पीट, जापानी तलवारें, चाकू और तमाम हथियार इस्तेमाल किए गए हैं। इन सभी के बावजूद, केट के अपने बचपन की कहानी, उसके माता पिता की हत्या के बाद वैरिक का उसका प्रोफेसल असैसिन बनाना बड़े ही वास्तविक तरीके से दिखाया गया है। केट ही उसके पिता की कातिल ये असल जानने के बाद, एनी की उस से नफरत और वैरिक की इसी बात का फायदा उठा कर उसे केट ही तरह प्रोफेशनल असैसिन भी कहानी का एक नया आयाम बना रहा है जो देखने वालों को पसंद आता है।

डाय हार्ड सीरीज़ के प्रशंसकों को मैरी एलिज़ाबेथ विनस्टेड की याद आएगी। 2007 की डायरेक्ट हार्ड सीरीज़ की फ़िल्म “लिव फ़्री ऑर डाय हार्ड” में उन्होंने ब्रूस विलिस की बेटी का रोल किया था। जादू की अभिनेत्री हैं। एक्शन सीक्वेंस में उनका काम आपको उमा गर्मीन (किल बिल) की याद दिला सकता है। वुडी हैरलसन क्षमता को देख सकता है तो वेब सीरीज “ट्रू डिटेक्टिव” देख सकता है। केट में उनके हिस्से दृश्य कम आते हैं लेकिन क्लाइमेक्स में जब उनका राज केट के सामने खुल जाता है तो वे जिस सफाई से अपना बचाव करते हैं, वो ही कम अभिनेता देख रहे हैं। बाकी अभिनेताओं ने भी अच्छा काम किया है लेकिन मैरी और वुडी ने ही पूरी फिल्म की है। फिल्म लिखी है उमैर अलीम ने, जिन्होंने 2015 में पहली ऐसी ही एक्शन थ्रिलर फिल्म “एक्सट्रैक्शन” लिखी थी। अमर की स्क्रिप्ट सांस नहीं लेती, दौड़ बसती रहती है। एक एक्शन फिल्म में बस इतना ही होना चाहिए।

फिल्म में नैथन बार का संगीत है। 4 साल की उम्र से संगीत सीखने वाले नैथन न सिर्फ म्यूजिक कंपोज़ करते हैं बल्कि इस्तेमाल होने वाले सभी इंस्ट्रूमेंट भी खुद ही बजाते हैं। केट में उनकी म्यूजिक फिल्म की रफ़्तार को बनाए रखने में यह साबित हुआ है। कई फिल्मों और वेब सीरीज में संगीत देने के बाद इस फिल्म का साउंडट्रैक बनाने में नैथन के लेखकों ने तर्क दिया है। केट की इकलौती पकड़ी है इसकी कहानी में कोई नवता का न होना। जापानी माफिया या याक़ूज़ा से लड़ने वाले हीरो या हीरोइन की कहानी एक जैसी ही होती है। केट में से यदि दृश्यों को हटा दिया जाता है तो इसकी कार्रवाई आपके द्वारा लक्षित विहीन दृष्टि से होती है। कियानू रीव्स की फिल्म श्रृंखला “जॉन विक” जैसी फीलिंग वाले “केट” में देखने को बहुत कुछ है। कोई अद्भुत कहानी उम्मीद है कि ना की जाए तो फिल्म अच्छी है।

विस्तृत रेटिंग

कहानी:
स्क्रिनप्ल:
डायरेक्शन:
संगीत:

टैग: छवि समीक्षा, हॉलीवुड, फिल्म समीक्षा

 


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